आज मैने अपनी बहन की सहेली को नहाते देखाफिर कुछ ऐसा हुआ
नमस्ते दोस्तो " मेरा नाम विजय कुमार शर्मा है और लोग प्यार से मुझे लोग बिज्जू भईया कहते है मैं जिला फर्रुखाबाद के एक कस्बे से हुँ आशा करता हुँ की यह कहानी सभी पाठको को जरूर पसंद आयेगी ये मेरी सच्ची कहानी है ।
दोस्तो मेरी उमर 18 साल की है और मुझे अभी तक बुर् चोदने का सोभग्य प्राप्त नही हुआ है।
जब भी मे किसी सुंदर और जबान लड़की को देख लेता हुँ तो बिल्कुल तो उसे मे अपनी आँखो मे आत्म नग़ देखने लगता हुँ और उसे चोदने का सोच लेता हुँ।
एक रोज बो आया जब मुझे चुदाई करने का सोभग्य प्राप्त हुआ और मेरी रूह को शांति प्राप्त हुई।
एक दिन मेरी बहन की सहेली सीतल जिसकी उमर 18 साल की कच्ची कली और बहुत ही सुंदर व जवानी से बरपुर थी। मैने उसे जब देखा तो उसकी चुत चोदने और चाटने के लिए बेकरार हो गया इसी बीच एक दिन मेरी बहन पूजा के साथ उसकी सहेली सीतल मेरे घर आ गयी और दोनो पड़ने लगे इतने मे मेरी माँ ने बोला बाजार से कुछ लाने को और ये बोलकर बो हमारी पड़ोसी लीला anty के घर चली गई । इतने मे मेरी बहन उठी और सीतल को बोल तुम यही रुको और मे बाजार से समान लेकर अभी आती हुँ। मै बगल के कमरे मे लेता हुआ इसी के इंतजार मे था की कब सीतल को चोदु। इतने मे ही मेरा छोटा भाई जो की उसकी कमरे मे सीतल के पास बैठ कर Drawing कर रहा था रहा था। हुआ कुछ ऐसा की आचानक से मेरे भाई के हाथ से clouer की प्लेट सीतल के उपर जा गिरी और मेरा भाई डर की बजाय से बाहर भाग गया फिर मैने उस कमरे मे जा कर देखा तो सीतल रंग से पूरी लाल पीली हो गयी थी फिर मैने सीतल से बोला की आप जाकर बाथरूम मे जाकर नहा ले और मेरी बहन के कपड़े पहन ले।तो बो बहा से उठी और बाथरूम मे नहाने चली गई फिर थोडी़ देर बाद आबाज लगाई की बिरजू पूजा के कपड़े लाकर देदो फिर मैने अपनी कपड़े उठाये और बाथरूम की तरफ बड़ा बाथरूम के पास पहुँचते ही मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी कयुंकी मेरी इन आँखो ने सीतल के बड़े बड़े दुध जो देख लिए थे। इतने मे सीतल की नजर मुझपे पड़ी और बोली क्या देख रहे हो तो मैने बोला तुम कितनी हसीन हो और तुम्हारा दुध तो कितने अच्छे है सीतल मुस्कराके बोली सच मे मैने उसकी तरफ बड़ते हुए बोला हा तुम्हारे ये बाल भी अच्छे है इतने मे मे सीतल के बहुत नजदीक पहुँच गया था। सीतल ने नजर झुका के मुझसे बोली तुम यहाँ से जाओ कोई आ जायेगा। मै समझ चुका था कि इसका भी मुझसे चुदने का मन है मैने बोला की अभी कोई नही आयेगा । इतने मे सीतल की नजर मेरे खड़े पोपट पर पड़ी और हसकर बोली ये क्या है । मैने अपना पोपट निकला और उसके हाथ मे रख दिया । बो मेरे खूबसूरत और बड़े पोपट को देख कर बोली। बोली किया करू मैने उसका मुह पकड़ कर अपने पोपट के पास करदिया उसने मेरे पोपट को मुह मे ले लिया और चूसने लगी मूझे बहुत मजा आने लगा फिर मैने उसको गिरा लिया और उसकी लाल लाल चूत को चाटने लगा शीतल आहे भरने लगी और सर पकड़ लिया मे और जोर जोर से चूत चाटने लगा शीतल बोली अपना लंबा पोपट मेरी गरम गरम चूत के अंदर डालो। फिर मैने अपना पोपट उसकी चूत मे डाल दिया और मे उसके बड़े बड़े मुमहे पीने लगा सच मे आज मुझे बहुत आनंद आ रहा था। फिर शीतल की चूत पानी छोड़ चुकी थी और मेरा पोपट भी थूक चुका था, फिर मे बाहर चला गया था और शीतल भी बाहर आकर बैठ गई। यू मानो की कुछ हुआ ही ना हो, दोस्तो अगर मेरी यह सचि कहानी आपको पसंद आयी होतो हमारी वेबसाइट पर कॉमेंट करे। और ऐसी सची कहानी को पढ़ने के लिए हमारे न्यू वेब पेज पर जाए धन्यवाद, Read More
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